स्काउट में पायनियरिंग
- स्काउट में पायनियरिंग : द्वितीय सोपान की गांठे
- टिम्बर हिच (लट्ठा फांस)
- रोलिंग हिच (सरकफांस):
- मार्लिन स्पाइक या लीवर हिच ( ढेकली फांस )
- गाँठ विद्या-फिगर ऑफ एट नाट ( Knoting- Figure of Eight Knot)
- स्क्यार लेसिंग (Square Lashing)-
- फिगर ऑफ एट लेसिंग (Figure of Eight Lashing) –
- पायनियरिंग तृतीय सोपान की गांठे
- डायगनल लैसिंग (Diagonal Lashing )-
- मैन हारनेस नॉट-
- बोलाइन ऑन द बाइट Bowline on the Bite ||जीवन रक्षक गाँठ
- क्राउन नॉट (Crown Knot)
- सादा या समानान्तर बन्धन (Sheer Lashing)
स्काउट में पायनियरिंग : द्वितीय सोपान की गांठे
टिम्बर हिच (लट्ठा फांस)
रोलिंग हिच (सरकफांस):
मार्लिन स्पाइक या लीवर हिच ( ढेकली फांस )
गाँठ विद्या-फिगर ऑफ एट नाट ( Knoting- Figure of Eight Knot)
स्क्यार लेसिंग (Square Lashing)-
फिगर ऑफ एट लेसिंग (Figure of Eight Lashing) –
पायनियरिंग तृतीय सोपान की गांठे
डायगनल लैसिंग (Diagonal Lashing )-
डायगनल लैसिंग (Diagonal Lashing )- इस बन्धन का प्रयोग किन्हीं दो बल्लियों या लाठियों को कर्णवत एक साथ बांधने में होता है। जिनके तनाव विपरीत दिशाओं की ओर को हों। जैसे ऐसल के मध्य की लाठियां।
दोनों लाठियों पर टिम्बर हिच लगाकर तीन बार किसी एक दिशा में लपेट लें तथा तीन बार समकोण में उनके ऊपर पुनः लपटें और अन्त में दो-तीन कसाव देकर खूटा फॉस से बन्धन समाप्त कर दें। यदि रस्सी बच गई हो तो किसी एक लाठी पर लपेट कर छूटा फाँस लगा दें।
मैन हारनेस नॉट-
Man harness knot घोड़े की रकाब नुमा यह गाँठ है।
स्काउट/गाइड घोड़े में बैठने पर रस्सी के दोनों ओर पैरों के लिये इसे बना सकते हैं। पर्वतारोही मध्य के क्लाइम्बर को इस गाँठ से सुरक्षित करते हैं। किसी भारी बोझ को घसीटने में भी मध्य के लोग इस गाँठ से खींचने में सहयोग करते हैं। इसे भार वाहक गाँठ भी कहा जाता है।
चित्र(A) के अनुसार रस्सी के स्थिर भाग पर एक फन्दा (लूप) बनाइये, फन्दा इस प्रकार का हो कि सीने पर आ सकें। सुस्त सिरे को पैर से दबाइये और बाएं हाथ से फन्दे को उस स्थान पर पकड़िये और बाँयं हाथ से तीर द्वारा दूसरे के नीचे से बाहर निकालिये। उसे कस दीजिए।
बोलाइन ऑन द बाइट Bowline on the Bite ||जीवन रक्षक गाँठ
बोलाइन ऑन द बाइट Bowline on the Bite यह जीवन रक्षक गाँठ है। कुर्सी गाँठ की जगह इसे लिया जा सकता है। इसके भी फन्दे छोटे-बड़े होने चाहिए ताकि बड़े फंदे को पैर पर ओर छोटे को सीने पर या हाथ में पकडने के काम में लिया जा सके।
इसे बनाते समय लम्बे रस्से को दोहरा करें। चुस्त सिरे को सुस्त सिरे के फंदे से बाहर निकलें अब चुस्तक सिरे को दर्शाये गये तीर की भांति लेकर छोड़ दें। अभीष्ट गाँठ बन जायेगी,
क्राउन नॉट (Crown Knot)
रस्सी में तीन लड़ें हों तो उन्हें थोड़ा-सा खोलकर पहली लड़ को दूसरी से, दूसरी को तीसरी से दबाते हुए पहली लड़ के अन्दर से बाहर निकालें, तीनों लड़ों को लेकर धीरे से कस दें। यही क्रम तीन चार बार अपनाएं। चौड़ी रस्सी हो तो इस प्रकार करते हुए चौथी लड़ को पहली के अन्दर कस दें।
फायर मेन्स चेयर नॉट – Fire man’s chair knot अर्थात् कुर्सी गाँठ
- इस गाँठ का अधिकतर उपयोग किसी ऊंची मंजिल में आग लगने पर आहतों को नीचे उतारने में किया जाता है।
- कुर्सी गाँठ के लिये एक लम्बे रस्से की आवश्यकता होती है।
- रस्सी इतनी लम्बी हो कि जहाँ से आहत को उतारना हो, वहाँ से नीचे तक दोहरा किया जा सके।
- इस रस्सी के मध्य में एक छोटा फन्दा धड़ के लिये और दूसरा कुछ बड़ा पैरों के लिये बनाया जाता है।
- प्रथम खूंटा फाँस की तरह दो मोड़ (लूप) बनायें, उन्हें बाहर खींच ले।
- इनका आकार इस प्रकार हो कि आहत उसमें ठीक प्रकार से बैठ सके।
- रस्सा सीने के सामने रहे। जब दोनों फन्दे ठीक आकार के बन जायें तो दोनों सिरों पर एक अर्द्ध फाँस लगाकर कस दें।
ड्रॉ हिच (Draw Hitch)-
ड्रॉ हिच (Draw Hitch)-ऊँचाई चढ़ने या उतरने में विशेष कर जहाँ पर रस्से को वापस खींच लेना हो, खिंच खुलनी का प्रयोग किया जाता है।
विधि-
रस्सी को दोहरा कर शाखा पर रखें। मोड़ के अन्दर एक सिरे का मोड़ लेकर दूसरे सिरे से कस दें। अब दूसरे का मोड़ पहले के अन्दर लेकर कस दें।
सादा या समानान्तर बन्धन (Sheer Lashing)
उपयोग : इस बंधन का प्रयोग दो लाठियों के एक सिरे को जोड़कर दूसरे सिरे को फैलाने अथवा दो लाठियों का या बल्लियों कोजोड़ कर बड़ा करने के लिए किया जाता है।
शियर लैसिंग
मार्क-1
इस लैसिंग का प्रयोगक्लोथ लाइन बनाने या इम्प्रुवाइजड टैन्ट बनातेसमय दो लाठियों के सिरे थोड़े फैलाने हों तबइसका प्रयोग किया जाता है।
विधि- एक लाठी के सिरे पर खूटा फांस लगाकर दूसरी लाठीको साथ मिलाकर रस्सी के चार-पांच चक्कर समानान्तर लगाते हैं। मजबूतीके लिए फ्रेपिंग कर देते हैं। अंत में दूसरी लाठी पर खूटा फांस लगा देते हैं।
मार्क-2
इसे राउण्ड लैसिंग या पैरलल लैसिंग के नाम सेभी जानते हैं। इसका प्रयोग लाठी की लम्बाई बढ़ाने या झण्डे का पोलबनाने के लिए किया जाता है।
विधि-इसमें दोनों लाठियों पर एक साथ खूटा फांसलगाई जाती है और फिर आवश्यकतानुसार रस्सी के चार यापांच लपेट लगाये जाते हैं और अंत में दोनों लाठियों पर खूटाफांस लगा देते हैं। अधिक मजबूती के लिए थोड़े फासले परइसी प्रकार का एक बंधन और लगा सकते हैं। इसमें फ्रेसींग नहीं की जाती।